मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी योनि का एक चुम्

मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी योनि का एक चुम्बन लिया, शिखा पागलों की तरह चिल्ला उठी। मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया। शिखा अपनी चूत को अपने हाथों से छुपा रही थी, उसे शरम आ रही थी। मैंने उसके हाथों को हटा कर उसकी चूत को जैसे ही देखा मैं हैरान रह गया। गुलाबी रंग की चूत बिना बालों के बड़ी ही सुंदर लग रही थी। मैंने उसके जिस्म को पैरों से लेकर उसके होठों तक बड़ी ही जोश से चूमा, कोई भी अंग और जगह खाली नही बची होगी, जहाँ मैंने उसे नही चूमा हो।

अब शिखा बोली- प्लीज़ जल्दी करो मेरे बदन में आग लग रही है !

मैं बोला- मेरी जान ऐसी भी क्या जल्दी है। पहले मुझे तुम्हारी चूत को चूसने तो दो। और मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया। शिखा के मुँह से जोर-जोर की सिसकारियाँ निकल रहीं थीं। हाय ये क्या कर रहे हो ? मेरे तो आआआआआआ उस्स्स्स्स्स्स्स.................. स्स्स्स्स्स्स्स्स... धीरे... प्लीज़... दर्द हो रहाआआआ है... उईए... म्माआआआ.... आआआहह..... रुक्कककककक..... जाओ..... मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।

शिखा बोली- प्लीज़ अब मुझे मत तरसाओ, प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में
发布者 Sam-420
6 年 前
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